जानें स्वर्णप्रश्न कैसे बच्चों की इम्युनिटी सिस्टम को बढ़ावा देती है ?

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जानें स्वर्णप्रश्न कैसे बच्चों की इम्युनिटी सिस्टम को बढ़ावा देती है ?

  • June 24, 2023

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स्वर्णप्रश्न संस्कार पुरातन व सनातन धर्म से ही हमारी संस्कृति से जुड़ा हुआ है और आज भी बहुत से लोग ऐसे है जो इस संस्कार से जुड़े हुए है, तो बात करते है की इस संस्कार को कैसे किया जाता है इसको करने के फायदे क्या है और ये बच्चों में कौन-सी बीमारियों का खात्मा करते है। इसके अलावा स्वर्णप्रश्न को बनाया कैसे जाता है जैसे प्रश्नो का उत्तर हम आज के लेख में प्रस्तुत करेंगे ;

क्या है स्वर्णप्रश्न संस्कार ?

  • सनातन संस्कृति के अनुसार जब बच्चे का जन्म होता है तब उसको सोने की शलाका (सलाई) से उसके जीभ पर शहद चटाने की या जीभ पर ॐ लिखने की एक परँपरा होती है। इस परंपरा का मूल कारण है हमारा सुवर्णप्राशन संस्कार सुवर्णप्राशन का अर्थ सोने को चटाना है। और इस रस्म को ही स्वर्णप्रश्न रस्म के नाम से जाना जाता है।

स्वर्णप्रश्न की रस्म के बारे में अगर आप नहीं जानते की इसको कैसे करना चाहिए तो इसको जानने के लिए आप बेस्ट आयुर्वेदिक डॉक्टर का चयन कर सकते है।

सुवर्णप्राशन कैसे बनाया व बच्चों को दिया जाता है?

  • स्वर्णप्राशन, स्वर्ण के साथ-साथ आयुर्वेद के कुछ औषध (ब्रह्माणी, अश्वगंधा, गिलोय, शंखपुष्पी, वचा) गाय का घी और शहद के मिश्रण से बनाया जाता है। यह जन्म के दिन से शुरु कर पूरी बाल्यावस्था या कम से कम छह महिने तक चटाना चाहिये। अगर यह हमसे छूट गया है तो बाल्यावस्था के भीतर यानि 12 साल की आयु तक कभी भी शुरु किया जा सकता है।

इसके अलावा सुवर्ण प्राशन के लिए जो शुद्ध गाय का घी और शहद की जरूरत होती है उसे आप बेस्ट आयुर्वेदिक क्लिनिक से भी ले सकते है।

सुवर्ण प्राशन को कब देना चाहिए?

  • सुवर्णप्राशन प्रतिदिन सुबह जल्दी किया जा सकता है, या एक शुभ दिन जो हर 27 दिनों के बाद आता है पर देना चाहिए। ऐसे दिन पर देने से बच्चों को काफी लाभ मिलता है।

स्वर्णप्राशन किसको देना फायदेमंद माना जाता है ?

  • जो बच्चे ऋतु व पानी बदलने पर तुरंत बीमार पडते हैं।
  • जिनका वजन नहीं बढता है।
  • जिनको बोलना नहीं आता है या जो बोलते समय हकलाते हैं या तुतलाते हैं।
  • जिनको भूख नहीं लगती है।
  • जो बिस्तर गीला करते है।
  • मंद बुद्धि बालक।
  • जिनको पढ़ा हुआ याद नहीं रहता है।

ऐसे उपरोक्त समस्या से जो बच्चे शिकार होते है उन्हें स्वर्णप्राशन देना फायदेमंद माना जाता है।

सुवर्णप्राशन के लाभ क्या हैं?

  • सुवर्ण प्राशन प्रतिरक्षा शक्ति को बढ़ाता है और सामान्य संक्रमणों के प्रति प्रतिरोधक क्षमता विकसित करता है।
  • यह बच्चों में शारीरिक शक्ति का निर्माण करता है और शारीरिक गतिविधियों को बढ़ाता है।
  • सुवर्ण प्राशन की नियमित खुराक बच्चे की बुद्धि, समझने की शक्ति, कुशाग्रता, विश्लेषण शक्ति, स्मरण शक्ति को अनोखे तरीके से सुधारती है।
  • यह पाचक अग्नि को प्रज्वलित करता है, पाचन में सुधार करता है और पेट से संबंधित शिकायतों को कम करता है।
  • सुवर्णप्राशन बच्चे की भूख में भी सुधार करता है।
  • यह प्रारंभिक शारीरिक और मानसिक विकास को पोषित करने में मदद करता है।
  • यह बच्चों में एक अंतर्निहित मजबूत रक्षा तंत्र विकसित करता है।

निष्कर्ष :

उम्मीद करते है कि आपने जान लिया होगा की स्वर्णप्रश्न को कब, कैसे और किस समय देना चाहिए।

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आयुर्वेदिक दवाइयों के बारे में जानें पूरी जानकारी !

  • June 19, 2023

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आयुर्वेदिक में हर बीमारी का इलाज पुराने समय से ही मिलता आ रहा है। जिसके कारण ये पुरातन समय से ही काफी लोकप्रिय उपचार माना जाता है। इसके अलावा आयुर्वेद से जुड़े जितने भी सवाल है उसको हम आज के लेख में प्रस्तुत करेंगे। इसलिए अगर आप आयुर्वेदिक दवाइयों से अपना इलाज करवा रहें है तो आपके लिए ये जानना बहुत जरूरी है की ये दवाई कैसे प्रयोग में लाई जाती है ;

आयुर्वेदिक दवाइयां क्या है ?

  • आयुर्वेद पांच हजार साल पुरानी चिकित्सा पद्धति है, जो हमें हजारों वर्षों से स्वस्थ जीवन का मार्ग दिखा रहा है। हमारी आधुनिक जीवन शैली को सही दिशा देने और स्वास्थ्य के लिए लाभकारी और सहायक भी मानी जाती है आयुर्वेद। इसमें जड़ी बूटि सहित अन्य प्राकृतिक चीजों से उत्पाद, दवा और रोजमर्रा के जीवन में इस्तेमाल होने वाले पदार्थ तैयार किए जाते हैं। जिससे हमें काफी फ़ायदा होता है।

आयुर्वेद काम कैसे करता है ?

  • आयुर्वेद तीन मूल प्रकार के ऊर्जा या कार्यात्मक सिद्धांतों की पहचान करता है जो हर किसी इंसान और हर चीज में मौजूद हैं। और इसे त्रिदोष सिद्धांत कहते है। जब ये तीनों दोष – वात, पित्त और कफ संतुलित रहते हैं तो शरीर स्वस्थ रहता है। 
  • वही आयुर्वेद के सिद्धांत शरीर के मूल जीव विज्ञान से संबंधित हो सकते हैं। आयुर्वेद शरीर, मन और चेतना का संतुलन बनाए रखने में एक साथ काम करते हैं। इसके अलावा ये काम कैसे करता है के बारे में जानने के लिए बेस्ट आयुर्वेदिक डॉक्टर का चयन करें। 

आयुर्वेदिक दवाइयों के लाभ क्या है ?

  • आयुर्वेदिक इलाज आपको तनाव से बचाने में मदद करता हैं।
  • जलन और सूजन में भी आयुर्वेदिक दवाइयां मददगार है। 
  • शरीर का शुद्धिकरण करने में सहायक होती है। 
  • कैंसर, निम्न रक्तचाप, कोलेस्ट्रॉल सहित काफी क्रिटिकल बीमारियों से भी आयुर्वेद व्यक्ति का बचाव करती है। 
  • रोग प्रतिरोधक क्षमता के लिए भी आयुर्वेदिक जड़ी बूटियां काफी सहायक मानी जाती है।

यदि आपको भी आयुर्वेदिक दवाइयों के जरिये स्वास्थ्य लाभ प्राप्त करना है तो इसके लिए आपको बेस्ट आयुर्वेदिक क्लिनिक से इसके उपचार का चयन करना चाहिए। 

आयुर्वेदिक दवाइयों को कैसे ले ?

  • आयुर्वेदिक दवाओं को सूर्योदय के समय, दिन के समय भोजन करते समय, शाम के भोजन करते समय और रात में इन दवाओं को लेने का सही समय बताया गया है।

क्या आयुर्वेद दवाइयों का कोई नुकसान भी है ?

  • माना जाता है कि आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों में प्राकृतिक तत्व होते हैं, जो किसी प्रकार से नुकसान नहीं पहुंचाते। लेकिन एक अध्ययन में सामने आया है कि आयुर्वेद हर्बल दवाओं के लंबे समय तक इस्तेमाल से स्वास्थ्य खराब हो सकता है।

आयुर्वेदिक दवाइयों को लेते वक़्त क्या परहेज करें ?

  • आयुर्वेदिक दवाई लेने के दौरान व्यक्ति को अधिक मिर्च-मसालेदार और खट्टी चीज़ों से परहेज करना चाहिए। वही आयुर्वेद के मुताबिक फ्रिज का ठंडा पानी पीने की बजाए साधारण पानी का ही इस्तेमाल करना चाहिए।

सुझाव :

यदि आप चाहते है कि दवाई लेते वक़्त कोई नुकसान न हो तो इसके लिए आप आयुर्वेदिक दवाइयों का चयन कर सकते है। और इन दवाइयों को आप दीप आयुर्वेदा हॉस्पिटल से भी ले सकते है।

निष्कर्ष :

अगर आपकी बीमारी ज्यादा खतरनाक है तो इसके लिए आपको आयुर्वेदिक दवाइयों का चयन नहीं करना चाहिए क्युकी ये दवाई धीरे-धीरे असर करती है। इसके अलावा अगर आपको हल्की परेशानी है तो आप आयुर्वेदिक दवाई का चयन कर सकते है। पर ध्यान रहें किसी भी तरह की दवाई को इस्तेमाल करने से पहले एक बार डॉक्टर से जरूर सलाह ले।