जानिये गिलोय कैसे इम्‍युनिटी सिस्टम को बढ़ाने की है बेहतर आयुर्वेदिक औषधि

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जानिये गिलोय कैसे इम्‍युनिटी सिस्टम को बढ़ाने की है बेहतर आयुर्वेदिक औषधि

  • July 4, 2023

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व्यक्ति के शरीर में मजबूत इम्‍युनिटी एक मत्वपूर्ण स्थान रखती है, पर यही इम्‍युनिटी अगर कमजोर हो जाए तो व्यक्ति के अंदर कई सारी बीमारियों को जन्म देती है। इसके अलावा कमजोर इम्‍युनिटी की वजह से व्यक्ति को कई तरह की समस्या का सामना करना पड़ता है, और वो समस्याएं क्या है के बारे में भी हम आज के आर्टिकल में इसकी सम्पूर्ण चर्चा करेंगे, इसलिए मजबूत इम्‍युनिटी को पाने के लिए आर्टिकल को अंत तक जरूर पढ़े ;

कमजोर इम्‍युनिटी के क्या कारण है ?

  • इम्यून सिस्टम कमजोर होने के कई कारण हो सकते हैं जैसे-पहले से कोई बीमारी या फिर जरूरत से ज्यादा सिगरेट या शराब पीने की आदत, पूरी नींद ना लेने और खराब खान-पान। 
  • अक्सर लोग मीठे का ज्यादा सेवन करते हैं, जोकि हमारे स्वास्थ्य के लिए बहुत हानिकारक होता है। क्युकि ये तो सबको पता है की किसी भी चीज की अति हमेशा हानिकारक होती है। 
  • ज्यादा ऑयली फूड का सेवन भी इम्यूनिटी को नुकसान पहुंचाता है। 
  • प्रोसेस्ड मीट से भी इम्यूनिटी पर प्रभाव पड़ता है।

कमजोर इम्‍युनिटी के कारणों के बारे में विस्तार से जानने के लिए बेस्ट आयुर्वेदिक डॉक्टर का चयन करें।

कमजोर इम्‍युनिटी के कारण कौन-कौन सी बीमारियां होती है ?

  • मौसमी बीमारियों की अगर बात करें तो सर्दी-जुकाम, खांसी और जल्‍दी बुखार का आना हमारे इम्यून सिस्टम को कमजोर बना देता है। 
  • इसके अलावा, फ्लू वायरस, मोनो (मोनोन्यूक्लिओसिस) और खसरा जैसे संक्रमण, थोड़े समय के लिए प्रतिरक्षा प्रणाली (इम्यून सिस्टम) को कमजोर कर सकते हैं। 
  • अत्यधिक धूम्रपान, शराब और खराब पोषण भी आपकी इम्यून सिस्टम पर प्रभाव डालती है।

कमजोर इम्‍युनिटी सिस्टम को बढ़ाने के लिए बेहतरीन आयुर्वेदिक उपाय 

  • गिलोय इम्‍युनिटी सिस्टम को बढ़ाने का एक बेहतरीन आयुर्वेदिक उपाय है | इसमें एंटीऑक्‍सीडेंट्स प्रयाप्त मात्रा में पाया जाता है, जो कि कोशिकाओं को स्‍वस्‍थ एवं बीमारियों से दूर रखते हैं।
  • तो वही गिलोय का प्रयोग बहुत सी बीमारियों को ठीक करने के लिए किया जाता है, जैसे बार-बार बुखार या अंदरूनी बुखार की समस्‍या से गिलोय छुटकारा दिला सकता है।
  • कब्ज या पाचन क्रिया ठीक न होने पर गिलोय का प्रयोग करना काफी मददगार साबित हो सकता है। 
  • इम्यूनिटी सिस्टम बढ़ाने के साथ-साथ गिलोय डायबिटीज के रोगियों का भी बेहतर इलाज करती है।
  • गिलोय तनाव को भी दूर करने में मददगार उपाय है । 
  • गिलोय का सेवन अस्‍थमा के मरीजों के लिए भी काफी मददगार है । 

अगर आप भी उपरोक्त समस्याओं से छुटकारा पाना चाहते है तो इसके लिएबेस्ट आयुर्वेदिक क्लिनिकका चयन करें। 

इम्यून सिस्टम को बढ़ाने के लिए बेस्ट हॉस्पिटल 

  • इम्यून सिस्टम का ठीक रहना हमारे शरीर में बहुत जरूरी है, क्युकि हमारा सम्पूर्ण शरीर ही एक बेहतर इम्यून सिस्टम पर टीका होता है। इसलिए अगर आपके शरीर में इम्‍युनिटी सिस्टम कमजोर हो गया है तो इसे ठीक करने के लिए आपको “दीप आयुर्वेदा हॉस्पिटल” का चयन करना चाहिए। 
  • इसके अलावा इस हॉस्पिटल के जो आयुर्वेदिक डॉक्टर है उन्हें भी आयुर्वेदिक उपचार फील्ड का काफी सालों का अनुभव है।

निष्कर्ष :

इम्‍युनिटी सिस्टम कमजोर क्यों होता है उसके बारे में हम आपको उपरोक्त बता ही चुके है, तो अगर आपमें भी इम्यून सिस्टम कमजोर होने के उपरोक्त कारण नज़र आ रहे तो इसके लिए आपको समय रहते किसी बेहतरीन डॉक्टर का चयन करना चाहिए।

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स्वर्ण प्राशन की मदद से कैसे नवजात बच्चो के इम्यून को बढ़ाया जा सकता है ?

  • May 15, 2023

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इम्युनिटी की कमी सिर्फ बड़ो में ही देखने को नहीं मिलती बल्कि नवजात बच्चो में भी इसकी समस्या देखने को मिलती है। क्युकि नवजात बच्चे बोल नहीं सकते जिस वजह से उन्हें काफी परेशानी होती है। पर आयुर्वेद में इसकी बेहतरीन दवाई है जिसका प्रयोग आप बच्चे की हेल्थ पर करते है तो उन्हें काफी आराम मिलता है। इसलिए आज का लेख नवजात बच्चो के लिए है इसलिए मात्राएँ खास कर इस लेख को अंत तक पढ़े, ताकि वो अपने बच्चो की इम्युनिटी सिस्टम को सुधारने में सफल हो सके ;

स्वर्णप्राशन क्या है ?

स्वर्ण प्राशन एक प्राचीन आयुर्वेदिक दवा है ये किस लिए काम में आती है इसके बारे में हम निम्न में बात करेंगे ;

● स्वर्ण प्राशन वह प्रक्रिया है, जिसमें स्वर्ण यानि भस्म (सोने की शुद्ध राख) को जड़ी-बूटियों के अर्क से तैयार घी और तरल या सेमी-सॉलिड रूप में शहद के साथ मिलाकर बच्चों को दिया जाता है। यह एक ऐसा वैदिक प्रोग्राम है जो बच्चों के शारीरिक और साइकोलॉजिकल लेवल के पूर्ण विकास में मदद करता है। और साथ ही ये बच्चों के इम्यून सिस्टम को भी काफी बढ़ावा देती है।

यदि आप स्वर्णप्राशन की सामग्री को लेना चाहते है तो बेस्ट आयुर्वेदिक क्लिनिक का चयन करें।
स्वर्णप्राशन को देने की उम्र कब से कब तक की है ?

स्वर्णप्राशन को मौखिक रूप से खाली पेट व सुबह के समय दिया जाता है।

● यह जन्म से 16 साल की आयु तक दिया जा सकता है। इसे स्पष्ट मक्खन और शहद के साथ 6 महीने तक दो बूंद और 6 महीने के बाद चार बूंद की खुराक में दिया जाता है। इसे रोजाना न्यूनतम 30 दिन और अधिकतम 180 दिन तक दिया जा सकता है।
● इस दवाई को किस नवजात बच्चों को दिया जा सकता है और किस को नहीं ये जानने के लिए बेस्ट आयुर्वेदिक डॉक्टर से सलाह ले।

स्वर्ण प्राशन की मदद से बच्चों के इम्यून को कैसे बढ़ाया जा सकता है ?

● स्वर्णप्राशन बच्चों को हर महीने में समय के अनुसार दिया जाता है। इससे बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है।

● द्रव्य रूप में उपलब्ध इस औषधि की एक-एक बूंद बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाकर उन्हें शारीरिक व मानसिक रूप से मजबूत बनाती है। स्वर्णप्राशन लेने वाले बच्चों की इम्यूनिटी बूस्ट होती है।

क्या स्वर्णप्राशन को रोजाना दिया जा सकता है ?

● हां, इसे बिना किसी साइड इफेक्ट के हम अपने बच्चों को रोजाना दे सकते है। क्युकि इसका असर हमारे बच्चे पर काफी अच्छा होता है।

स्वर्ण प्राशन बच्चे को कहा दिया जाता है ?

● स्वर्णप्राशन की रस्म हिन्दू धर्म में पुराने समय से चलती आ रही है। ये एक तरह की रस्म है जिसमे जब बच्चा जन्म लेता है फिर चाहे वो जन्म हॉस्पिटल में ले या घर में ले, तो उसको सोने या फिर चांदी की सली में शहद डाल के चटाया जाता है। जिसे शहद चटाने की रस्म के नाम से भी जाना जाता है।

● इसको चटाने से बच्चे का इम्यून सिस्टम भी मजबूत होता है।

सुझाव :

स्वर्णप्राशन क्या है के बारे में हम बता ही चुके है। इसके इलावा स्वर्णप्राशन की दवाई अगर आपने देनी है तो आयुर्वेद दीप अस्पताल का चयन करे।

निष्कर्ष :

स्वर्णप्राशन हिन्दू धर्म ग्रंथो से जुडी एक रस्म है जिसे शहद चटाने की रस्म के नाम से जाना जाता है। ये बच्चों की इम्यून को भी मजबूत करने में सहायक मानी जाती है।