क्या है आयुर्वेद में गर्भाशय फाइब्रॉएड का इलाज

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क्या है आयुर्वेद में गर्भाशय फाइब्रॉएड का इलाज

  • June 23, 2023

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आयुर्वेंदिक उपचार शरीर में हार्मोंन के संतुलन को बनाकर रखता है जिससे ये ओ‍वरियन के कामकाज में सुधार करता है। इसके अलावा गर्भाशय फाइब्रॉएड क्या है महिलाओं के गर्भ में इसके बारे में हम बात करेंगे। और गर्भाशय फाइब्रॉएड को कैसे आयुर्वेदिक उपचार की मदद से ठीक किया जा सकता है इसके बारे में भी बात करेंगे, तो वही कुछ महिलाओं के मन में ये बात भी घूम रही होगी की क्या गर्भाशय फाइब्रॉएड होने पर माँ बनना संभव है या नहीं, तो जानते है इन सब बातों को आज के आर्टिकल की मदद से ;

क्या है गर्भाशय फाइब्रॉएड ?

  • यह गर्भाशय में मांसपेशियों व कोशिकाओं की एक या एक से ज्यादा गांठ होती हैं। यह गर्भाशय की दीवारों पर पनपने वाला एक प्रकार का ट्यूमर होता है। फाइब्रॉएड एक या एक से ज्यादा ट्यूमर के तौर पर विकसित होता है। और इन्हें गर्भाशय फाइब्रॉएड के नाम से भी जाना जाता है।
  • वही फाइब्रॉएड का आकार भिन्न हो सकता है, यह सेम के बीज से लेकर तरबूज जितना हो सकता है। लगभग 20 प्रतिशत महिलाओं को पूरे जीवन में फाइब्रॉएड कभी न कभी जरूर प्रभावित करता है।

क्या गर्भाशय फाइब्रॉएड होने पर महिलाएं कभी माँ नहीं बन सकती ?

  • वैसे तो विशेषज्ञ डॉक्टरों का मानना है कि फाइब्रॉइड होने पर गर्भधारण करने में परेशानी नहीं होती है। लेकिन कभी-कभी फाइब्रॉइड प्रेगनेंसी में बाधा भी उत्पन्न कर सकती है। वही यह बाधा फाइब्रॉइड के आकार और स्थान पर निर्भर करता है।
  • अगर इसमें आपको शक है की गर्भाशय फाइब्रॉएड में माँ बना जा सकता है या नहीं तो इस शक को दूर करने के लिए आपको बेस्ट आयुर्वेदिक डॉक्टर का चयन करना चाहिए।

 गर्भाशय फाइब्रॉएड क्यों होता है ?

  • फाइब्रॉइड बढ़ती उम्र, हॉर्मोनल चेंजेस या जेनेटिक कारणों से कई महिलाओं को होने लगता है।

गर्भाशय में फाइब्रॉएड के लक्षण क्या है ?

  • इसके लक्षणों में नाभि के नीचे पेट में दर्द का होना।
  • पीठ के निचले हिस्से में दर्द का रहना।
  • बार-बार पेशाब आने की समस्या।
  • पीरियड्स के दौरान तेज पेट दर्द या अनियमित पीरियड्स का चलना।
  • लंबे समय तक कब्ज की परेशानी।

आयुर्वेद में गर्भाशय फाइब्रॉएड का क्या इलाज है ?

  • “चेस्‍टबेरी”, हार्मोन संतुलन, एस्ट्रोजन के कम स्तर को बनाए रखने और सूजन को कम करने का एक उत्कृष्ट हर्बल उपाय है। और इस हर्बल से बने मिश्रण की 25 से 30 बूंदों को दिन में दो से चार बार आपको लेना है।
  • अधिक हार्मोंन बनने से गर्भाशय फाइब्रॉएड की समस्या होती है। और “सिंहपर्णी” जैसी आयुर्वेदिक जड़ी बूटी गर्भाशय फाइब्रॉइड के लिए सबसे अच्छे उपचारों में से एक माना जाता है।
  • “अदरक की जड़” गर्भाशाय फाइब्रॉएड के इलाज के लिए भी बहुत फायदेमंद होती है।
  • गर्भाशय में फाइब्रॉएड की समस्या होने पर आप “गुग्गुल” को सुबह-शाम गुड़ के साथ ले सकते है। और अगर आप इन दवाइयों को लेने के बारे में सोच रहे है तो इसको आप बेस्ट आयुर्वेदिक क्लिनिक से ले सकते है।
  • “बरडॉक” रक्त को शुद्ध करने वाली जड़ी-बूटी है। यह लिवर का समर्थन कर गर्भाशय फाइब्रॉएड को कम करने में मदद करता है।
  • गर्भाशय फाइब्रॉएड की समस्या से खुद को निजात दिलवाना चाहते है तो इसके लिए आप दीप आयुर्वेदा हॉस्पिटल का चयन कर सकते है।

निष्कर्ष :

 उम्मीद करते है कि आपको पता चल गया होगा की क्या है गर्भाशय फाइब्रॉएड की समस्या और अगर इसके लक्षण आपमें नज़र आए तो जल्द ही डॉक्टर के संपर्क में आए।